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Wednesday, May 13, 2009

"गांधीजी से डर किन्हें है"

पिछले दिनों कनिष्क कश्यप जी द्वारा एक नए सामुदायिक ब्लॉग 'कबीरा खडा बाजार में' से जुड़ने का आमंत्रण मिला। उपभोक्तावाद जैसे विषयों के विरुद्ध प्रतिवाद मजबूत करने के इस प्रयास से जुड़ना मैंने स्वीकार कर लिया, और अपनी एक पोस्ट द्वारा गांधीजी के विचारों को उपभोक्तावाद के लिए खतरा बताने का एक प्रयास किया है, "गांधीजी से डर किन्हें है ?"। इस प्रयास पर आपकी प्रतिक्रिया की भी अपेक्षा रहेगी।

7 comments:

  1. बडा गम्भीर सवाल है। इसपर कुछ भी कहने से पहले बहुत मनन करना पडेगा।
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  2. गांधी जी का स्मरण प्रासंगिक है।
    धन्यवाद।

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  3. Apki baat bilkul satay hai...

    Is vishay mai ganbherta se sochna hi hoga...

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  4. शानदार लिखा है आपने और मैं इस बारे में काफी गहराई से सोच रही हूँ!

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  5. "गांधीजी से डर किन्हें है ?" ummmm ummmmmmmmmmmm??????????

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  6. Us mahaan aatmaa pe dosharopan karnaa ek pratha-see ban gayee hai..khaas kar un logon ke liye jo khud ko buddhee jeevee kahte hain...!
    Gandhi kee nirbhayataa hee unkee sabse badee shakti thee..jiske aage har maha satta jhuk gayee...unhon ne kisee bhee sachhayee se kabhee muh nahee phera,naa use nakara...balki, jab unkee vichar dhara badlee, to use bhee sweekar kiya..
    shat shat naman us hastee ko...jise Bharat bhool raha hai...
    Maine devnagaree me likh, yahan copy paste karne kee bharsak koshish kee..asafal rahee..kshama prarthee hun..

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  7. मेरा प्रयास न सिर्फ मनसा या वाचा तक सीमित है, बल्कि सन 2007मे मेरे द्वारा अनुवादित विश्वप्रसिद्ध नाटक " THE PORTARIT OF MAHATMA GANDHI" मेरे इसी प्रयास पर आधारित था। इस नाटक को देखने US_UK_AFRICA से गांधी प्रेमियों का 20 लोगों का समूह भारत आया। उन्होनें मेरे इस प्रयास और नाट्क की समिक्षा,को वहां भी सराहा और बड़ी सख्यां में लोगो का सह्योग मिला। इस वर्ष भी एक नाटक " कबीरा बोला बज़ार में" करने की योज़ना है।
    मेरा मानना है कि , वर्ग संघर्ष द्वारा समाजवाद की स्थापना जो की मार्क्स चाह्ते हैं और वर्ग-समन्वय द्वारा समाज्वाद की स्थापना के गांधी पक्षधर हैं , इनके बीच इतना हीं भेद है। ग़ांधी चरखा से मतलब संयमित विकास का है।

    आपका आभार

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